Rumored Buzz on Shodashi

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In An additional depiction of hers, she is shown as a sixteen-yr-aged young and sweet Lady decorated with jewels which has a dazzling shimmer and also a crescent moon adorned more than her head. She is sitting down about the corpses of Shiva, Vishnu, and Brahma.

The impression was carved from Kasti stone, a uncommon reddish-black finely grained stone used to manner sacred visuals. It had been brought from Chittagong in existing working day Bangladesh.

Each struggle that Tripura Sundari fought is actually a testament to her may as well as the protective mother nature of the divine feminine. Her legends continue to inspire devotion and therefore are integral to the cultural and spiritual tapestry of Hinduism.

Worshippers of Shodashi look for not simply product prosperity and also spiritual liberation. Her grace is said to bestow the two worldly pleasures as well as the usually means to transcend them.

सा नित्यं मामकीने हृदयसरसिजे वासमङ्गीकरोतु ॥१४॥

अष्टारे पुर-सिद्धया विलसितं रोग-प्रणाशे शुभे

पुष्पाधिवास विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि

षट्पुण्डरीकनिलयां षडाननसुतामिमाम् ।

हस्ते चिन्मुद्रिकाढ्या हतबहुदनुजा हस्तिकृत्तिप्रिया मे

श्रीचक्रान्तर्निषण्णा गुहवरजननी दुष्टहन्त्री वरेण्या

अकचादिटतोन्नद्धपयशाक्षरवर्गिणीम् ।

शस्त्रैरस्त्र-चयैश्च चाप-निवहैरत्युग्र-तेजो-भरैः ।

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में here पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

बिभ्राणा वृन्दमम्बा विशदयतु मतिं मामकीनां महेशी ॥१२॥

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